Important Folk Dances of India| Folk Dances of India UPSC| List of Folk Dances of Different States in India
Folk and Tribal Dances of India - Regional & State Wise| List of Traditional Folk Dances of India from Different States| Indian Folk Dances State Wise
भारतीय लोक नृत्य की सूची| List of Indian Folk Dance In Hindi
Indian Folk Dance Costumes Online
Friends, India are a land of diverse cultures and traditions.
Basically, Indian folk and tribal dances are simple and are performed to
express joy during arrival of seasons, birth of a child, wedding and other festivals.
Folk art is the common possession of a group of people or a particular
locality. The identity of the originators is forgotten, but the style is
preserved down the ages.
Names of Indian Folk Dances
Friends, on most occasions’ dancers sing themselves, accompanied by artists with instruments. Each form of Folk Dance has a specific costume & rhythm and some costumes are very colorful with extensive jewels and designs. Here is the List of various State and folk dances which help in various examinations like UPSC, State PSC, SSC, Bank Exams etc.Read on to learn about 14 Dance forms of India
1. Bharatnatyam,
Tamil Nadu
2. Kathak,
Uttar Pradesh, North India
3. Kathakali,
Kerala, South India
4. Manipuri,
Manipur, North East India
5. Kuchipudi,
Andhra Pradesh
6. Odissi,
Odisha, East India
7. Bhangra/
Gidda, Punjab, North India
8. Garba,
Gujarat, West India
9. Rouf,
Kashmir, North India
10.
Ghoomar, Rajasthan
11.
Chhau, Mayurbhanj, Odisha
12.
Bihu, Assam, North-east India
13.
Lavani, Maharashtra, West India
14.
Mohiniyattam, Kerala, South India
15.
Sattriya Dance, Assam, North East India
Types of Indian Folk Dances
Indian Folk Dance Name List in Hindi State wise| भारतीय लोक नृत्य के नाम की सूची राज्यों के अनुसार
मित्रो, भारत की सभ्यता हजारों साल पुरानी सभ्यता है। समय समय पर हिन्दू धर्म की मान्यताओं और पूजा पद्धतियों में भी बहुत बदलाव हुए।
Indian folk Dances - Complete List | General Awareness
लेकिन फिर भी पूर्वजों के रीती रिवाजों को हिन्दुओं ने छोड़ा नहीं संजो के रखा है। इस तरह ना ना प्रकार के रीती रिवाज पूजा पद्धिति, नृत्य और भाषाएँ अलग अलग क्षेत्रों में विकसित हुए और पीड़ी दर पीड़ी चलते रहे हैं।
Indian Classical and Folk Dances
हमारे भारत में क्षेत्र और संस्कृति के आधार पर ना ना प्रकार के नृत्य प्रचलित हैं। जिन्हें भारत के लोक नृत्य और Folk Dance Cultural Dance और Classical Dance के नाम से जाना जाता है।
यहाँ आज हम चर्चा करेंगे भारत में राज्यों के अनुरूप कितने प्रकार के लोक नृत्य हैं? और इनसे जुड़े हुए प्रसिद्ध कलाकारों के नामों की भी चर्चा करेंगे।
Indian Folk Dance list State Wise in Hindi
भारतीय लोक नृत्य के नाम की सूची राज्यों के अनुसार
Bihar (बिहार) के लोक नृत्य
जट-जटिन:- जट जटिन उत्तर बिहार का एक लोक नृत्य है। यह मिथला और कोशी क्षेत्र में देखने को मिलता है। यह एक युगल (Couple) नृत्य है।
इस नृत्य का मूल विषय जट जटिन की प्रेम कहानी है। लेकिन आज कल इस नृत्य के माध्यम से सामाजिक विषय जैसे गरीबी, प्यार, दुःख को भी व्यक्त किया जा रहा है।
यह नृत्य मानसून के मौसम में चांदनी रात में किया जाता है| इस नृत्य में 2 समूह में लड़कियां होती हैं। नृत्य शुरू करने से पहले यक्ष और बारिश को नमन किया जाता है।
किर्तनिया:- किर्तनिया मिथिलांचल बिहार का पारंपरिक लोक नृत्य है। नृत्य प्रस्तुति के प्रारंभ में प्रस्तावना, वंदना और अंत में मंगल गायन गया जाता हैं।
सामा चकेवा:- यह मिथिला बिहार का प्रमुख नृत्य है, इसे औरतें और लड़कियां अपने भाइयों के हित के लिए कार्तिक मास में करती हैं।
जात्रा:- जात्रा बिहार में रहने वाली जात्रा जन जाती का लोक नृत्य है। इस जन जाती का मूल निकास नेपाल से है।
घुमकड़िया:-
विदेशिया:- यह नृत्य भोजपुरी भाषा में किया जाना वाला नृत्य है। यह नृत्य बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक प्रशिद्ध है और इसमें समाज की बुराइयों को नृत्य के माध्यम से बताया जाता है।
Paschim Bengal (पश्चिम बंगाल) के लोक नृत्य (Folk Dance)
काठी:- यह पश्चिम बंगाल में रहने वाली जन जाती का लोक नृत्य है| यह नृत्य केवल आदमियों के द्वारा ही किया जाता है क्योंकि इसमें एयरोबेटिक्स की मूवमेंट होती हैं।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम क्षेत्र के बोरिस और डोम्स एरिया में यह डांस ज्यादा प्रचलित है। इस नृत्य में प्रमुख देवी दुर्गा माता है।
गम्भीरा:- गंभीरा लोक नृत्य पश्चिम बंगाल के मालदा जिले का प्रमुख नृत्य है। इसमें दो व्यक्ति होते हैं एक पोते और दूसरा दादा का किरदार निभाता है। यह लोक नृत्य सूत्रधार समुदाय के द्वारा किया जाता है।
ढाली, जात्रा
बाउल:- बाउल पश्चिम बंगाल का एक प्रमुक लोक नृत्य और गायन है। यह प्रमुक रूप से सिधाचार्य द्वारा लिखे गए लोक गीतों के आधार पर किया जाता है| इस लोक नृत्य में हिंदुत्व के अलावा बुद्धिज़्म और इस्लाम का भी समावेश मिलता है।
छऊ:- छाऊ के क्लासिकल (शास्त्रीय) नृत्य है। इस नृत्य का मूल प्रारंभ भारत के ओडिशा राज्य में हुआ था। यह तीन राज्यों बंगाल झारखण्ड और ओडिशा में किया जाता है। बंगाल में यह पुरुलिया छाऊ और झारखण्ड में Seraikella छाऊ और ओड़िसा में मयूरभंज छाऊ के नाम से जाना जाता है।
मरसिया, कीर्तन, रामभेसे
Meghayala (मेघालय) के लोक नृत्य
लाहो:- लाहो डांस मेघालय का प्रमुख लोक नृत्य है। यह नृत्य स्त्री और पुरुष के द्वारा रंग बिरंगे कपड़ों में क्या जाता है। इस नृत्य में कोई भी संगीत इंस्ट्रूमेंट प्रयोग नहीं किया जाता है| एक पुरुष अपने मुह से ही दोहे बोलता है और धुन बजाता है।
बांग्ला:- वांगला मेघालय का प्रमुख लोक नृत्य है इसे 100 ड्रम फेस्टिवल भी कहा जाता है वंगला लोक नृत्य सबसे पहले 6 दिसंबर 1976 असनंग में किया गया था।
Manipur (मणिपुर) के लोक नृत्य
मणिपुरी (शास्त्रीय):- मणिपुरी नृत्य को जगोई के नाम से भी जाना जाता है, यह एक शास्त्रीय नृत्य है यह हिंदुत्व के वैष्णव सम्प्रदाय पर आधारित है। इस नृत्य में राधा और कृष्ण के प्रेम को दर्शाते हुए नृत्य किया जाता है।
राखाल, नटरास, महारास, रॉख़त, लाईहरीबी
Nagaland (नागालेंड)
चोंग, खैबा, लीम, नुरालीम, रेंगमानाग, कुमीनागा
Udisa (उड़ीसा)
ओडिसी (शास्त्रीय):- यह नृत्य ओड़िसा के मंदिरों की देव दासियों के द्वारा किया जाता है। इसमें मुख्यत भगवान् कृष्ण और विष्णु के अवतार की कथाओं को नृत्य के माध्यम से वर्णन किया जाता है| इस नृत्य में हस्त मुद्राएं प्रमुख हैं।
सवारी, धूमरा, पैंका, मुणरी
छऊ:- छाऊ के क्लासिकल (शास्त्रीय) नृत्य है। इस नृत्य का मूल प्रारंभ भारत के ओडिशा राज्य में हुआ था। यह तीन राज्यों बंगाल झारखण्ड और ओडिशा में किया जाता है। बंगाल में यह पुरुलिया छाऊ और झारखण्ड में seraikella छाऊ और ओड़िसा में मयूरभंज छाऊ के नाम से जाना जाता है।
आया, चंगुनार
Maharashtra (महारास्ट्र)
लावनी:- यह लोक नृत्य महारास्ट्र का सबसे लोकप्रिय नृत्य है। यह नृत्य केवल महिलाओं के द्वारा किया जाता है। इसमें 9 मीटर लम्बी साड़ी पहनी जाती है। इस नृत्य में अध्यात्म और श्रृंगार का अध्वुत संगम देखने को मिलता है।
नकटा, कोली, लेझिम, गफा, बोहदा, गौरीचा, ललिता
तमाशा:- यह महाराष्ट्र का प्रमुख नाटिका नृत्य है। इस नृत्य में हारमोनियम, घुंघरू, मजीरा आदि यंत्रों के प्रयोग किया जाता है। यह लोक नृत्य कोल्हाटी समुदाय के द्वारा किया जाता है।
मौनी, लीजम, पोवाड़ा, गोधलगीत, दहिकला, गणेष चतुर्थी
Karnatak (कर्णाटक)
यक्षज्ञान:- यक्षज्ञान कर्णाटक का एक प्रसिद्द लोक नृत्य है। इस नृत्य को विशेष तौर पर धान के खेतों में रात के समय प्रस्तुत किया जाता है। जिसमें युद्ध से जुड़े पहलुओं को दर्शाया जाता है।
कुनिता, कर्गा, लाम्बी, वीरगास्से, भूतकोला
Gujrat (गुजरात)
गरवा:- गरबा लोक नृत्य के बारे में तो आप सब लोग जानते हो होंगे। यह नृत्य गुजरात में नवरात्री के अवसर पर किया जाता है। गरबा नृत्य के द्वारा माँ दुर्गा की आराधना की जाती है।यह नृत्य अब पूरे भारत में प्रसिद्द है और नवरात्रों के समय भारत के सभी क्षेत्रों में किया जाता है।
डांडिया, टिप्पनी, जुरियुन, भवई, रासलीला, लास्या, पणिहारी, इकोलिया
Punjab- पंजाब (पंजाब)
भांगड़ा:- यह नृत्य पंजाब का प्रसिद्ध नृत्य है मुख्यत पुरुषों के द्वारा किया जाता है। पंजाब में हर उत्सव में यह नृत्य किया जाता है।
गिद्धा:- यह नृत्य महिलाओं के द्वारा किया जाने वाला नृत्य है। इसमें महिलाएं पंजाब की पारंपरिक पोशाक पहन कर इस नृत्य को करती हैं।
डफ, धमान, किकली
Rajasthan (राजस्थान)
कालबेलिया नृत्य:- यह नृत्य कालबेलिया समुदाय के द्वारा किया जाता है।
धूमर:- यह नृत्य महिलाओं के द्वारा किया जाने वाला नृत्य है। यह महिलाओं के द्वारा लम्बे घाघरे को पहनके किया जाता है।
घापाल, फूंदी, पनिहारी
तेरहताली नृत्य:- यह नृत्य महिलाओं के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है और इसमें पुरुषों के द्वारा भजन गाये जाते हैं। इस नृत्य में महिलाएं अपने शरीर पर मंजीरों को बांधती है और गीत की धुन और लय के साथ मंजीरों के साथ बजाय जाता है।
जिन्दाद, नेजा
भवाई नृत्य:- यह नृत्य राजस्थान के उदयपुर क्षेत्र में किया जाता है। यह नृत्य सर पर मटकों को सर पर रखकर किया जाता है। इसमें नर्तकी सर पर मटके रखकर और गिलास और थाली के किनारों पर खड़े होकर नृत्य करती है।
गणगौर, राउफ, हिकात
Mijoram (मिजोरम)
खानटम, पाखुपिला. चेरोकान
Jammu Kashmir (जम्मू कश्मीर)
राउफ:- जम्मू कश्मीर का यह एक लोकप्रिय नृत्य फसल कटाई के उपलक्ष्य में किया जाता है, यह नृत्य महिलाओं के द्वारा ही किया जाता है।
हिकात, मंदजास, कूद, दंडीनाच, दमाली, चाकरी, भारवागीत
Tamil Nadu (तमिलनाडु)
भरतनाट्यम (शास्त्रीय), कुमी, कोलाट्टम नृत्य, कावडी, करागम, पिन्नलकोलाट्टम
Uttar Pradesh (उत्तर प्रदेश)
रासलीला
नौटंकी:- नोटंकी नृत्य उत्तर प्रदेश का सबसे प्रसिद्द लोक नृत्य है। नोटंकी नृत्य में हास्य रस, वीर रस आदि की प्रस्तुति की जाती है। इसके अलावा तरह तरह के वाध यंत्रों का प्रयोग किया जाता है। इसमें गायन, नृत्य और लोक कथा इसका प्रमुख हिस्सा है।
झूला, कजरी, जद्दा, चाचरी, चैता, करन, जांगर, थाली
Jharkhand (झारखण्ड)
छऊ:- छाऊ के क्लासिकल (शास्त्रीय) नृत्य है। इस नृत्य का मूल प्रारंभ भारत के ओडिशा राज्य में हुआ था। यह तीन राज्यों बंगाल झारखण्ड और ओडिशा में किया जाता है। बंगाल में यह पुरुलिया छाऊ और झारखण्ड में Seraikella छाऊ और ओड़िसा में मयूरभंज छाऊ के नाम से जाना जाता है।
सरहुल, जट-जटिन, करमा, डांगा, विदेशिया, सोहराई
Uttarakhand (उत्तराखंड)
छोलिया नृत्य:- इस नृत्य को छलिया नृत्य भी कहा जाता है। यह उत्तराखंड के कुमांऊ क्षेत्र का एक प्रचलित लोकनृत्य है। यह शादी बरातों और अन्य शुभ अवसरों पर किया जाता है। यह विशेष रूप से कुमांऊ मंडल के पिथोरागढ़, चम्पावत बागेश्वर और अल्मोड़ा जिलों में किया जाता है।
गढवाली, कुमायु, कजरी, झोरा, रासलीला, चपादी
Andhra Pradhesh (आन्ध्र प्रदेश)
कुचिपुड़ी (शास्त्रीय):- इस नृत्य के नाम आंध्र प्रदेश के गाँव कुचिपुड़ी पर ही रखा गया है। इस नृत्य में कर्णाटक संगीत के साथ, म्रदंग, वायलीन आदि यंत्रों का प्रयोग किया जाता है। इस नृत्य के प्रयोग की जाने वाली पोशाक भी आकर्षण का केंद्र है।
घंटामर्दाला, मोहिनीअट्टम (शास्त्रीय), कुम्मी, सिद्धि मधुरी
Chhatisgarh (छत्तीसगढ़)
पंथी नृत्य:- पंथी नृत्य छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख लोक नृत्य है। इस राज्य के महँ संत गुरु घासीदास के पंथ से ही पंथी नृत्य के नामकरण हुआ है। यह नृत्य सतनामी समुदाय के द्वारा किया जाता है। इस नृत्य में नर्तक सफ़ेद धोती पहनकर झांझ और म्रदंग के साथ नृत्य करते हैं।
पंडवानी:- यह छत्तीसगढ़ का एक एकल नाट्य है, इसके पांडववाणी भी कहा जाता है। इसमें एक ही कथा वाचक और नृत्य करता होता है। इस नृत्य में महाभारत की कथा कही जाती है। यह छतीसगढ़ की जातियों की गायन परम्परा है।
गौड़ी, करमा, झूमर, डागला, पाली, टपाली, नवरानी, दिवारी
Arunachal Pradesh (अरुणाचल प्रदेश)
मुखोटा नृत्य, युद्ध नृत्य
Himachal Pradesh (हिमाचल प्रदेश)
धमान, छेपली, महाथू, नटी, डांगी, चम्बा
थाली:- थाली हिमाचल प्रदेश का प्रमुख लोक नृत्य है। थाली नृत्य में नर्तक और गायक एक गोल घेरे में बैठते हैं और नर्तक एक के बाद एक अपनी कला को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। इस नृत्य में नर्तक पानी से भरा लोटा भी रखकर नृत्य करते हैं।
झैंता, डफ, डंडानाच
Goa (गोवा)
मांडी, झागोर, खोल, ढकनी
Asaam (असम)
बिहू:- यह लोक नृत्य असम की कछारी जनजाती के द्वारा किया जाता है। यह नृत्य फसल की कटाई के समय ही किया जाता है और साल में तीन बार किया जाता है। इसके अलावा यह नृत्य परम्परिक साधारण वस्त्रों धोती और गमछा में ही किया जाता है।
बिछुआ, नटपूजा, महारास, खेल, गोपाल, झुमुरा, होब्जानाई, कलिगोपाल, नागानृत्य, बुगुरूंबा, अंकियानाट, राखल, ढोल
केरल (Keral)
मोहिनीअट्टम:- यह एक शास्त्रीय नृत्य है। इस नृत्य में आँखों, हाथों और चहरे के हाव भाव बहुत अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। यह केरल के विशेष सफ़ेद रंग की जरी वाली साडी पहनके किया जाने वाला नृत्य है। इसके अलावा यह नृत्य हिन्दू पौराणिक कथाओं पर आधारित है।
कथकली:- कथकली भी केरल का प्रमुख नृत्य है, इसमें हिन्दू पोरानिक कथाओं रामायण और महाभारत का सम्पूर्ण वर्णन नृत्य के माध्यम से किया जाता है। इस नृत्य में प्रयोग की जाने वाली पोशाक, वस्त्र आभूषण विशेष आकर्षण है। इसके अलावा नृत्य में हाथों की मुद्राओं और चहरे के हाव भाव का भी विशेष महत्व है।
Indian Folk Dance Information | Indian Folk Dances Images
1. Bharatnatyam
Tamil Nadu, South India
Performed on the celestial tunes of the
Carnatic music, Bharatnatyam comes from the state of Tamil Nadu in South. The
origins of Bharatnatyam can be traced back to 1000 BC, and it originates from
the ancient temples of Tamil Nadu performed by the women of the classical
period. The dance form is known for its beautiful body movements and gestures
which are called Mudras in the traditional language. It focuses on the hand
gestures, leg movement and the facial expressions of the dancer. This dance
form was very prevalent before the British era but was profoundly depressed
during the colonial period. However, India kept the dance form alive in the
houses, and today it is recognised as one of the most respectable art forms in
India especially in the Southern region of the country where it is a moment of
pride for the women of the house to learn the classical dance form of
Bharatnatyam.
2. Kathak
Uttar Pradesh, North India
Coming from the northern part of the
country from the state of Uttar Pradesh, Kathak comes from the word 'Katha'
which means "story" in Hindi. It isn't a very smart guess for one to
make that Kathak is performed in the form of storytelling through the body
movements used by the dancer. Kathak is often referred to as the dance of love,
and it can be performed by both by the male and female dancer together. This
dance form focuses highly on the ankle movements complemented by the ankle that
has to match the beats of the music. Ankle bells or Gunghroos as they are
called in the traditional language is an important part of the discipline of
this dance form. Various distinctions can be witnessed in this dance forms as
it is performed in various places in the country which includes Jaipur, Benaras
and Lucknow.
3. Kathakali
Kerala, South India
Kathakali is another traditional dance
form of India which relates to the storytelling. Kathakali translates to the
'storyteller' in the country's language. Coming from the Southern region of the
country from Kerala, Kathakali is one of the most renowned and religious dances
forms of India. It originates from the tales of Ramayana and Shiva stories.
Kathakali includes the intriguing face movements and the heavy costumes which
include the traditional face masks and body paints (generally green). The music
which includes only the vocals is called Soppanam. The storytelling of the epic
Hindu mythology tales depicting both evil and good is shown through the
conversation between the dancers only through their body gestures and facial
expressions. Simply fascinating to watch!!
4. Manipuri
Manipur, North East India
Friends, as you stroll towards the
North-east India which is brimming with the rich tradition and their unique
culture, Manipuri comes as an important symbol to represent the state of
Manipur from the region. This dance form is performed to narrate the romantic
relationship between the Hindu gods Radha and Krishna, which is famously known
as Raasleela. This art form is performed in a team with the traditional
Manipuri costumes and makeup to narrate the tale of the two gods. The dance is
performed on the narrative chanting and the music created by the Indian
classical instruments.
5. Kuchipudi
Andhra Pradesh
Belonging to the Andhra Pradesh,
Kuchipudi is probably the toughest form of classical dance in India. Kuchipudi
is not just considered as the dance but a whole religious procedure dedicated
to God which includes certain rituals such as sprinkling the holy water,
burning the incense sticks and praying to God. Kuchipudi includes both singing
and dancing by the performer which is why it requires both the skill and much
more dedication than any other art forms in India. In the earlier period,
Kuchipudi was only performed by the male dancers in the temples, specifically
the Brahmins( Upper caste of the society) but with the passage of time, it
became famous amongst the women and nowadays it is mostly performed by the
female dancers.
6. Odissi
Odisha, East India
Odisi dance form comes from the state of
Odisha in the eastern part of India. The traditional dance has been derived
from the Hindu temples in Odisha. Most of the gestures and movements (Mudras)
are inspired by the sculptors and idols belonging to the ancient temples of
India. The dance is performed as a way to express the mythological tales of
Hindu gods, including that of Shiva and Surya. The dance is accompanied by a
mythical story, Hindi poem in the form of music by the musicians. Odissi is
considered as the oldest dance forms of India which are surviving till today.
Odissi dance is performed mostly by the women dancers, and it includes more
than 50 intriguing mudras (body movements).
7. Bhangra- Gidda
Punjab, North India
Belonging to Punjab, Bhangra is a
heart-pumping dance adorned with the loud beats of Dhol (traditional Indian
instrument). It is very prevalent in traditional Punjabi festivals.
8. Garba
Gujarat, West India
Garba comes from Gujarat which is a
traditional dance form dedicated to Goddess Durga. It is performed in a couple
on the typical Gujarati music, and the sticks are used to perform this art form.
9. Rouf
Kashmir, North India
Performed by the Kashmiri people to
celebrate their festivals and important occasions, Rouf is a soothing dance
form generally performed by the female dancers on the traditional Kashmiri
music.
10. Ghoomar
Rajasthan
Wearing heavy jewelry and the beautiful
costumes you will find the people of Rajasthan dancing on the beats of music to
give away their traditional dance form. Ghoomar includes the intriguing
circular movements complemented by the hand gestures.
11. Chhau
Mayurbhanj, Odisha
The beautiful women dressed in the
elegant attire performing the dance form of Chhau is what you see during the
festival time in Kolkata. The popular art coming from eastern India is
considered as the dance in the form of martial arts.
12. Bihu
Assam, North-east India
Young men and women mostly perform this
joyous folk dance from Assam during the Bihu festival. The dancers follow a
pattern of rapid hand movement, quick steps and a rhythmic swaying of hips
wearing the traditional Assamese clothing with beautiful accessories.
Marking the beginning of spring season, Bihu recites the happiness and heritage
of Assam and is performed on the occasion of Rangali Bihu. The Dhol, Xutuli,
Toka, Baanhi, Gogona are the instruments used to play the traditional tunes for
the performance. The origin of Bihu is not very known, although the records
profoundly state that it is originated from the Bisu dance performed by
communities of Upper Assam like the Sonowal Kacharis, Deoris, Moran, Chutias
and Borahis. The dance form isn't just known in India but globally popular.
This popular Indian Dance was performed at the London Olympics in 2012.
13. Lavani
Maharashtra, West India
Originated from the state of the Maratha
Empire, Lavani is a dance form of Maharashtra. The female-oriented dance is a
blend of traditional music and tales of deities. The origin of Lavani comes
from the word Lavanya which means beauty. Apart from helping in the upliftment
of the Marathi folk theatre, the dance form was also a morale booster during
the war in the 18th century. Lavani has two forms; One that's philosophical -
Nirguni Lavani and the other that's sensual- Shringar Lavani. With the powerful
and quick foot-tapping tempo, the dance form is performed along with the beats
of the Dholak. The stories or subjects this dance is based on revolves around
topics of religion, politics, society and mostly romance. Dancers are dressed
in nine-yard of saree with golden jewellery. The dance was initially staged at
local temples in the form of worship, but now it's a sensual dance performed to
the pulsating beats rendering a socio-political satire.
14. Mohiniyattam
Kerala, South India
In Indian mythology, Mohini is the
female avatar of Lord Vishnu, and the meaning of Attam in Malayalam is rhythmic
motion hence adhering to the dance of the divine enchantress. It is the second
most popular dance form of Kerala. This classical Indian dance form roots from
the age-old Sanskrit text - Natya Shastra. It is traditionally performed by
women following a repertoire of Carnatic music, singing and acting a play. At
times, the song, a typical hybrid of Malayalam and Sanskrit also called
Manipravalam, is sung by the performer herself. With a repertoire of
instruments such a Mridangam, Madhalam, Flute, Idakka, Veena and Kuzhitalam;
the music is rendered in ragas and performed in a slow melodic style. Although
the Lasya dance is often portrayed as gentle, graceful and feminine, it also
exhibits a vigorous dance of Tandava relating to Lord Shiva. Besides its
popularity, the dance was ridiculed by a series of laws as a devadasi
prostitution system during the colonial British Raj. A ban that was protested
repealed in 1940 and with the help of the locals of Kerala, Mohiniyattam was
revived and reconstructed.
15. Sattriya Dance
Assam, North East India
Mahapurusha Sankaradeva, a Vaishnava saint and reformer of
Assam, introduced Sattriya dance in the 15th century AD. This dance form was
preserved in the Sattras or the Vaishnava Maths; therefore, it remained a
living tradition. This dance was an artistic way of presenting mythological
teachings. Traditionally this dance was performed by the male monks or bhokots.
However, today, the practice has changed in many ways. The theme is not just related
to mythology, and the performances are not limited to the Sattras. Even women
can perform Sattriya dance and on the stage.
Importance of Folk Dance in India
State
|
Folk Dances
|
Andhra Pradesh
|
Kuchipudi, Vilasini Natyam, Andhra Natyam, Bhamakalpam,
Veeranatyam, Dappu, Tappeta Gullu, Lambadi, Dhimsa, Kolattam, Butta Bommalu.
|
Assam
|
Bihu, Bichhua, Natpuja, Maharas, Kaligopal, Bagurumba, Naga
dance, Khel Gopal, Tabal Chongli, Canoe, Jhumura Hobjanai
|
Bihar
|
Jata-Jatin, Bakho-Bakhain, Panwariya, Sama Chakwa, Bidesia.
|
Gujarat
|
Garba, Dandiya Ras, Tippani Juriun, Bhavai.
|
Haryana
|
Jhumar, Phag, Daph, Dhamal, Loor, Gugga, Khor, Gagor.
|
Himachal Pradesh
|
Jhora, Jhali, Chharhi, Dhaman, Chhapeli, Mahasu, Nati, Dangi.
|
Jammu and Kashmir
|
Rauf, Hikat, Mandjas, Kud Dandi Nach, Damali.
|
Karnataka
|
Yakshagan, Huttari, Suggi, Kunitha, Karga, Lambi.
|
Kerala
|
Kathakali (Classical), Ottam Thulal, Mohiniattam, Kaikottikali.
|
Maharashtra
|
Lavani, Nakata, Koli, Lezim, Gafa, Dahikala Dasavtar or Bohada.
|
Odisha
|
Odissi (Classical), Savari, Ghumara, Painka, Munari, Chhau.
|
West Bengal
|
Kathi, Gambhira, Dhali, Jatra, Baul, Marasia, Mahal, Keertan.
|
Punjab
|
Bhangra, Giddha, Daff, Dhaman, Bhand, Naqual.
|
Rajasthan
|
Ghumar, Chakri, Ganagor, Jhulan Leela, Jhuma, Suisini, Ghapal,
Kalbeliya.
|
Tamil Nadu
|
Bharatanatyam, Kumi, Kolattam, Kavadi.
|
Uttar Pradesh
|
Nautanki, Raslila, Kajri, Jhora, Chappeli, Jaita.
|
Uttarakhand
|
Garhwali, Kumayuni, Kajari, Jhora, Raslila, Chappeli.
|
Goa
|
Tarangamel, Koli, Dekhni, Fugdi, Shigmo, Ghode, Modni, Samayi
nrutya, Jagar, Ranmale, Gonph, Tonnya mell.
|
Madhya Pradesh
|
Jawara, Matki, Aada, Khada Nach, Phulpati, Grida Dance,
Selalarki, Selabhadoni, Maanch.
|
Chhattisgarh
|
Gaur Maria, Panthi, Raut Nacha, Pandwani, Vedamati, Kapalik,
Bharthari Charit, Chandaini.
|
Jharkhand
|
Alkap, Karma Munda, Agni, Jhumar, Janani Jhumar, Mardana Jhumar,
Paika, Phagua,Hunta Dance, Mundari Dance, Sarhul, Barao, Jhitka, Danga,
Domkach, Ghora Naach.
|
Arunachal Pradesh
|
Buiya, Chalo, Wancho, Pasi Kongki, Ponung, Popir, Bardo Chham.
|
Manipur
|
Dol Cholam, Thang Ta, Lai Haraoba, Pung Cholom, Khamba Thaibi,
Nupa Dance, Raslila, Khubak Ishei, Lhou Sha.
|
Meghalaya
|
Ka Shad Suk Mynsiem, Nongkrem, Laho.
|
Mizoram
|
Cheraw Dance, Khuallam, Chailam, Sawlakin, Chawnglaizawn,
Zangtalam, Par Lam, Sarlamkai/Solakia, Tlanglam.
|
Nagaland
|
Rangma, Bamboo Dance, Zeliang, Nsuirolians, Gethinglim,
Temangnetin, Hetaleulee.
|
Tripura
|
Hojagiri.
|
Sikkim
|
Chu Faat Dance, Sikmari, Singhi Chaam or the Snow Lion Dance,
Yak Chaam, Denzong Gnenha, Tashi Yangku Dance, Khukuri Naach, Chutkey Naach,
Maruni Dance.
|
Traditional Folk Dances of India - Regional & State Wise
Conclusion
Friends, Folk dances are performed for
every possible occasion - to celebrate the arrival of seasons, birth of a
child, a wedding and festivals, which are a plenty. The folk dances are
extremely simple with minimum of steps or movement. Indian folk dances are full
of energy and vitality. Some dances are performed separately by men and women
while in some performances men and women dance together. On most occasions, the
dancers sing themselves, accompanied by artists with instruments. Each form of
folk dance has a specific costume and rhythm. Most of the costumes, worn for
folk dances, are colorful with extensive jewels and designs. Let’s have a look
at folk dances of India.
Join our Telegram
Channel for latest Govt. Jobs information, Results and Previous Question Papers
Connect With Us