Jyoti Chaurasia, the daughter of a Paan seller, has made her family proud by securing the 21st rank in the Uttar Pradesh Public Service Commission (UPPSC) exam. She has been appointed as Sub-Divisional Magistrate (SDM) in UP's Gonda.
पान वाले की बेटी
बनीं SDM, 6वीं कोशिश में ऐसे कर किया पूरे जिले का नाम रोशन|
Paan Seller's Daughter
bags 21st Rank in UPPSC Exam 2022
Success Story: SDM बनीं पान वाले की बेटी, नहीं मानी हार छठवीं बार में क्रैक किया यूपी पीसीएस 2022
पान वाले की बेटी बनीं SDM,
6वीं कोशिश में ऐसे कर किया पूरे जिले का नाम रोशन
मित्रो, एक पान बेचने वाले की बेटी
की सफलता पर गोंडा वासी बेहद खुश हैं, आपको बता दें ज्योति
चौरसिया के पिता पान बेचते हैं, अब ज्योति चौरसिया की सफलता
पर सभी को गर्व है।
SDM Success Story: पढ़िए पूरी कहानी - पापा चलाते हैं पान की दुकान, बेटी बन गई एसडीएम
Jyoti Chaurasia SDM: मित्रो, ज्योति चौरसिया ने यह मुकाम हासिल करने के
लिए दिन रात कड़ी मेहनत की है, उन्होंने इस परीक्षा के लिए 4
अटेंप्ट पहले दिए उसके बाद पांचवे अटेंप्ट में उन्हें यह सफलता मिली
है।
यूपीपीएससी Success
Story: पान वाले की बेटी बनीं SDM, नहीं मानी
हार
'उठो जागो और तब
तक मत रुको जब तक अपने लक्ष्य को प्राप्त न कर लो ' के मंत्र के सहारे एक पान वाले की बेटी ज्योति चौरसिया यूपीपीसीएस
पीसीएस 2022 में 21वीं रेंक
प्राप्त कर एसडी एम बन गईं हैं।
Jyoti Chaurasia UPPSC
मित्रो, इस
बार यूपी में पीएससी के रिजल्ट में लड़कियों का दबदबा रहा है, जिसमें टॉप 10 में से 8 लड़कियों
ने जगह बनाई है, आज
हम यूपी की एक नई एसडीएम के बारे में आपको बताने जा रहे हैं,
आपको बता दें कि हम बात कर रहे हैं एस डी एम ज्योति चौरसिया की। ज्योति
चौरसिया ने इस साल यूपीपीएससी में 21 वां स्थान हासिल किया
है। ज्योति चौरसिया यूपी के ही गोण्डा जिले की रहने वाली हैं, ज्योति के पिता पान की दुकान चलाते हैं, अब आप जरा
सोचकर देखिए उस पान की दुकान चलाने वाले उस पिता को कितना गर्व हो रहा होगा जिसकी
बेटी यूपी में एसडीएम बन गई है, हालांकि इसका क्रेडिट भी
ज्योति ने अपने माता पिता को ही दिया है।
बेटी ने साकार किया सपना - आर्थिक तंगी के चलते बेटे ने संभाला परिवार
आपको बता दें कि ज्योति चौरसिया के पिता हेम चंद चौरसिया मूल रूप से देवरिया जिले के निवासी हैं, वे सन 1997 में गोंडा आकर बसे थे और पान की दुकान से ही बच्चों को पढ़ाया और इस काबिल बनाया। ज्योति चौरसिया के पिता की पान भंडार की एक दुकान शहर के गुरु नानक चौराहे के पास है। ज्योति चौरसिया के पिता ने बताया कि आज मन बहुत प्रसन्न है, बेटी ने वह कर दिखाया जिसकी उम्मीद बेटे से की थी, लेकिन आर्थिक संकट के चलते वह यह नहीं कर सका। उनका कहना है कि बेटी या बेटा जो भी हो प्रतिभावान हो परिजनों को उसको आगे बढ़ाने में मदद करनी चाहिए।
UPPSC PCS Result - Jyoti Chaurasia ने किया UP PCS एग्जाम उत्तीर्ण बनी SDM
आपको बता दें ज्योति
ने यह मुकाम प्राप्त करने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत की है। उन्होंने इसके लिए पहले 4
अटेंप्ट दिए उसके बाद पांचवे अटेंप्ट में उन्हें यह सफलता मिली है। यह
सफलता ज्योति के पूरे परिवार की कुल मिलाकर 5 साल की तपस्या
का फल उन्हें मिला है। ज्योति का कहना है कि उनके माता-पिता ने लंबे समय तक उन पर
भरोसा जताया, जिससे उन्हें बेहतर करने के लिए मोटिवेशन मिला और
जिसका रिजल्ट आज सबके सामने है।
गोंडा
शहर से SDM बनने तक का
सफ़र - Jyoti Chaurasia, UPPCS Exam
आपको बता दें, कि ज्योति के पिता ने बताया कि वे गोंडा जॉब के सिलसिले में अकेले ही आये
थे, असफल होने पर उन्होने फरवरी 1997 में
लकड़ी की ढाबली में पान की एक दुकान खोली। बाद में बच्चों को भी गोंडा ले आए और
गोंडा के ही होकर रह गए। उनका एक बेटा और 2
बेटियां हैं। सभी की शिक्षा गोंडा में ही हुई है, उनका बेटा संदीप भी पढ़ने में तेज था उसने कई कॉम्पटीशन दिए लेकिन सफलता
नहीं मिली, घर की माली हालत ठीक नहीं थी इसलिए वह भी पान की
दुकान पर पापा हेम चंद के साथ बैठने लगा। ज्योति का कहना है कि बड़े भाई ने अपने
सपने को मेरे सफलता से साकार किया है, उसके असली मोटिवेटर
उसके मम्मी पापा और भाई हैं।
UPPSC 2022 - 364 कैंडिडेट्स ने क्लियर किया UPPSC
मित्रो, कुल सफल 364 कैंडिडेट्स में यूपी के 67 जिलों में से कुल 334 युवाओं ने सफलता प्राप्त करके अपने जिले का और अपने परिवार का नाम रोशन किया है, बाकी 30 कैंडिडेट्स अन्य राज्यों से ताल्लुक रखते हैं, मुख्य परीक्षा में कुल 1071 कैंडिडेट्स शामिल हुए थे जिनमें कुल 39 एसडीएम के पदों में से 19 लड़कियां एसडीएम बनेंगी। वहीं कुल 364 कैंडिडेट्स में 110 फीमेल कैंडिडेट्स ने सफलता हासिल की है।
Paan shop owner's Daughter cracks Uttar Pradesh Civil Service Exam
साथियो, अगर दिल में कुछ कर गुजरने का सपना हो तो कोई भी बाधा आपकी सफलता में आडे़ नहीं आ सकती है। जिसका उदाहरण उत्तर
प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षा में पान विक्रेता की बेटी ने 21वीं रैंक हासिल कर की है। ज्योति चौरसिया को यूपी के गोंडा में सब-डिविजनल
मजिस्ट्रेट (एसडीएम) नियुक्त किया गया है, उनकी सफलता से उनका
पूरा परिवार और क्षेत्र उत्साहित है। ज्योति चौरसिया जब गोंडा आईं तो बेटी का
स्वागत ढोल नगाड़े से किया गया। इसके लिए ज्योति चौरसिया को गोंडा के जिलाधिकारी
डॉ. रोशन जैकब से प्रेरणा मिली।
ज्योति चौरसिया
को 6वीं कोशिश में मिली सफलता
पता चला है कि ज्योति ने
गोंडा में ग्रेजुएशन किया व लखनऊ में यूपीपीएससी की तैयारी शुरू की, वह 2015 से यूपीपीसीएस का टेस्ट दे रही थी
लेकिन प्री भी नहीं निकाल पाती थी, परिजनों ने हौसला बढ़ाया
और ज्योति ने हार नहीं मानी। मूल रूप से देवरिया जिले के रहने वाले ज्योति के पिता
हेम चंद चौरसिया ने 17 फरवरी, 1997 को
गोंडा में नौकरी नहीं मिलने के बाद अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए एक पान की दुकान खोली थी, बाद
में साल 2000 में हेमचंद चौरसिया अपने सभी बच्चों को पढ़ाई
के लिए गोंडा ले आए थे ।
पान वाले की बेटी ने यूपी पीसीएस में पाई 21वीं रैंक, एसडीएम बनकर बढ़ाया मान
हेम चंद चौरसिया का एक
बेटा है और 2 बेटियां हैं, सभी की शिक्षा गोंडा में ही हुई है । बड़ा बेटा संदीप पढ़ाई में काफी
अच्छा था लेकिन कई परीक्षा देने के बाद भी उसे कोई नौकरी नहीं मिली तो घर की माली
हालत को देखते हुए वह भी पान की दुकान पर पापा हेमचंद के साथ बैठने लगा। ज्योति के
पिता की पान भंडार की दुकान शहर के गुरु नानक चौराहे के पास है, बेटी की सफलता से हेमचंद काफी खुश हैं, और उनका
कहना है कि अगर किसी में भी प्रतिभा हो तो उसे एक दिन सफलता जरूर मिलती है।
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